| أقول وقد ناحت بقربي حمامةٌ | أيا جارتا هل تشعرين بحالي |
| معاذ الهوى ما ذقتِ طارقة النوى | ولا خطرتْ منك الهموم ببالِ |
| أتحمل محزون الفؤاد قوادم | على غصن نائي المسافة عالِ |
| أيا جارتا ما أنصف الدهر بيننا | تعالي أقاسمك الهموم تعالي |
| تعالي تري روحا لدي ضعيفة | تردد في جسم يعذب بالي |
| أيضحك مأسور وتبكي طليقة | ويسكت محزون ويندب سالِ |
| لقد كنت أولى منك بالدمع مقلة | ولكن دمعي في الحوادث غالِ |